MPPSC PRELIMS UNIT-10 | TRIBES OF MADHYAPRADESH IN HINDI
MPPSC PRELIMS UNIT 10 MPPSC PRE UNIT - 10 IMPORTANT FACTS MPPSC PRELIMS UNIT 10 IN HINDI MADHYAPRADESH KI JANJATIYAN Hello दोस्तों स्वागत है आपका Shri Vedanta Academy (Best MPPSC…
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मध्यप्रदेश की जनजातियाँ भील जनजाति MPPSC PRE UNIT 10 Hello दोस्तों स्वागत है आपका Shri Vedanta Academy (Best MPPSC Coaching in Indore) ,इस पोस्ट के माध्यम से हम MPPSC PRELIMS…
Hello दोस्तों स्वागत है आपका Shri Vedanta Academy (Best MPPSC Coaching in Indore) ,इस पोस्ट के माध्यम से हम मध्यप्रदेश की जनजातियों के बारे में महत्वपूर्ण तथ्यों को जानेंगे जो आपको आगामी परीक्षाओं में निश्चित से सहयोगी सिद्ध होगा , अगर आपको ये पोस्ट पसंत आती है तो अपने मित्रों और परीक्षा समूहों मे अवश्य शेयर कीजिएगा ।
मध्यप्रदेश में जनजातीय क्षेत्रों को मुख्यतः तीन क्षेत्रों में विभक्त किया जा सकता है :- मध्य क्षेत्र, चंबल क्षेत्र एवं पश्चिम क्षेत्र।
राज्य में जनजाति की जनसंख्या का सर्वाधिक प्रतिशत अलीराजपुर जिले में है जबकि सबसे कम जनजाति प्रतिशत भिण्ड जिले में है। ‘अनुसूचित जनजाति’ शब्द का उल्लेख सबसे पहले ‘भारत सरकार अधिनियम, 1935’ में किया गया था, बाद में इसे 1950 में भारतीय संविधान में शामिल किया गया। आदिवासी शब्द का प्रयोग सबसे पहले अमृतलाल विठ्ठलदास ठक्कर ने किया था, जिन्हें ‘ठक्कर बापा’ के नाम से जाना जाता है।
मध्य प्रदेश में सबसे अधिक जनजातीय आबादी है और यहां 46 मान्यता प्राप्त जनजातियां और 3 विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह हैं। इनकी उपजातियों को मिलाकर इनकी कुल संख्या 90 है। मध्यप्रदेश में लगभग 1.53 करोड़ जनसंख्या इन जनजातियों की है, जो अब भी भारत में सर्वाधिक है । जनगणना-2011 के अनुसार, भील मध्य प्रदेश की सबसे बड़ी जनजाति है और राज्य की कुल आदिवासी जनसंख्या का 39.08% है। प्रदेश में कुल 89 आदिवासी विकासखंड स्थापित हैं।